Saturday, September 22, 2012
Direct from Revered Gurudev - 1
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Direct from Revered Gurudev - 2 गुरु से ही समझा जा सकता है की वास्तविक आनंद क्या है और यह तुम तब समझ सकते हो जब तुम अपने आप को पूरी तरह गुरु में समाहित कर दो और गुरु को पूर्ण रूप से अपने आप में समाहित कर दो | जिस क्षण गुरु पूर्णता से आप में समाहित हो गए … Read More
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Direct from Revered Gurudev - 4 हमे अपनी शक्ति का उपयोग दूसरों को कष्ट देने और नीचा दिखाने में नही करना चाहिए | हमे अपनी शक्ति का उपयोग वृक्ष की तरह खुद की उन्नति में करना चाहिए | जो फलदार वृक्ष होता है वह सबसे पहले झुकता है | जी सूखी लकड़ी होती है वह ठूंठ… Read More
Direct from Revered Gurudev - 3 अपने गुरु के स्वरूप को , अपने इष्ट के स्वरूप को देखने के लिए तुम्हे अपने मन पर चढ़ी मैल की परते हटानी पड़ेगी | जब तक तुम्हारा मन साफ नही होगा तब तक तुम गुरु को सही रूप में देख ही नही पाओगे | जैसे मुहं देखने का शीशा होता है ,उ… Read More
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