Saturday, March 31, 2012

Durgashtami Lakshmi Sadhana Shivir - Jabalpur

Date: 31 March, 2012

Venue: Jabalpur, Madhya Pradesh

Organiser: Jabalpur - Vinod Jarauliya 9424726200, Vijay Joshi 9300879776, Dr. Ranu Rathod 8815020135, Shandilyakarji 9424604240, Smt. Sharda Devi 9301262958, Manoj Raman8871028206,Nitin Dube 9826542287, Balmik Kushwaha 9424658643, Raj Shekhar 9229295440, Hajarilal993107462, Pradeep Gupta 9713250955, Smt.Akansha Joshi 9039697401, Smt. Radha Gupta 9425475254, Suryakant Mishra 9302080069, Katani - S.P. Singh 9179204555, Vinod Patel 9839268472, Arjun Patel 9300835620, Pushpendera Singh 9755488366, Sihora - Virender Garg 9685370111, Rajkumar Pandey, Santosh Pandey, Prabha Pandey,Kamlesh Garg, Rahul Garg, Mandala - Anil Uikye 9617919427, B.K. Jhariya 9755790323, Chandrashekhar Dhruve 9424340354, Dindori - Dinesh Thakur 9424687325, B.P. Hardaha 9978113954, Reeva - Sanjay Sharma 97554288776, Shailender Sharma, Bela - Rajbahadur Singh, Sagar - Arvind Soni, Panna - Dr. Amrut Raje 9713655014

Wednesday, March 28, 2012

Chandrahaasini Durga Shakti Sadhana Shivir - Champa

Date: 28-29 March 2012

Venue: Chandrapur, Zila Zanjageer Champa (Chattisgarh)
Located on Raigarh Sargarh Road at a distance of 30 km. from Raigarh (Chattisgarh) which is situated at Howraha Mumbai Railway Route

Organiser: Chandrapur - Jaichand Patel 8103421646, Chabilal Patel 9754229178, Niddha Vishnu Vaishnav 9981358546, Dabhara: Yogeshwar Chauhan 9907169773, J.P. Karsh 9669593136, Gajadhar Patel, Smt. Bhanu Patel, Santosh Sahu, Kotmi - Raju Chauhan 9993603698, Peelu Azad, Baghaud - Smt. Rekha Vaishnav, Veenadhar Vaishnav, Ganeshram Patel, Basantpur - Deendayal Mali, Khemraj Patel, Ghanshyam Mail, Shiva Mali, Lukeshwar Mali, Shashi Bareth, Vicky Bareth, Ramkumary Yadav, Dhoba Mali, Bhagirathi, Kirari - Rampal Sidar 9424148783, Bharaat Lal Karsh, Kharkena - Kamta Prasad Ratre 9893391794, Sirauli - Chatrapati Patel 9754733881, Jaynarayan Patel 9826789986, Medani Kumar Patel 9893475770, Geetanandan Patel, Bharati Patel, Vinita Patel, Netaram Chauhan, Mukta - Rishikesh Vaishnav 957515428, Yadav Lal Patel 9755879615, Pokhraj Patel, Dileshwar Patel, Jeetlal, Ganpat Paav, Atmaram, Vijay Kumari, Bhagwano, Nimohi - Gulab Vaishnav, Digbandhu Vaishnav 8085505084, Audekera - Sukdev Rathia 9977562168, Amleepali - Deepdhar Nishaad, Jaiprakash Sidar, Seetaram Patel, Chote Katekoni - Milan Kure 8120614076, Ucchpinda - Phoolsingh Sidar 9981028509, Akoljamora - Ramesh Kumar Baghel, Binaudha - Jagmohan Nishaad, Raigarh - Boondram Patel 9424183423, Smt. Subhadra Tamaskar 9752502822, Shri Keshav Dube, Shri K.K., R.N. Soni, Omprakash Mishra, Bijjusav 7879608086, Dinesh Yadav, Champa - Gulab Modi 919039870422, Hanuman Agarwal, Girish Modil, C.R. Khadwang, Vijay Shukla, Zanjgeer - Radheyshyam Sahu, Kamlesh Aditya, Durga Katakwar, Kamal Rathod, Korba - D.R. Manhar 9424140335, R.K. Soni 9329616806, Suresh Vastrakar, Chaal - Munda Singh Thakur 9926194495, Kaushal Jaiswal, Gopal Dansena, Sukdev Bandopadhyay, Ulkhar - Heeralal Chandra, Sarangarh - Mukesh Mittal 9425251070, Heeralal Chandra, Krishna Srivas, Atul Thavait

Tuesday, March 27, 2012

सदगुरु निखिल जन्मोहत्सव

सदगुरु निखिल जन्मोहत्सव
१९, २०, २१ अप्रैल, २०१२
यात्रिका निवास, लाइट हाउस के पास, पुरी (ओडिशा)

जहाँ से गुजरना है मेरे गुरुवर को, वहाँ मेरे सीने के धड़कन बिछा दो !!
... यह पर्व गुरु जन्मोहत्सव का है, उत्सव के क्षणों का है, मिलन के क्षणों का है... मिलन है जीवात्मा का परमात्मा से, मिलन है नदी का समुद्र से, मिलन है धरती का आकाश से... एक ऐसी ही स्वर्णिम बेला, जो एक नव चेतना का आगमन है, एक पुनर्जन्म है, जो जन्म होकर एक अवतरण है, उस देव पुरुष का, जिसने अपने प्रकाश से अज्ञान रुपी अंधकार को दूर किया है, प्रकाश का सृजन किया है |

और यह मिलन कोई सामान्य मिलन नहीं है, यह तो कई – कई जन्मों का मिलन है, कई – कई जन्मों से वे आवाज दे रहे हैं तुम्हे, और हर जिन्दगी में तुम्हे पकड़ने की चेष्टा की है, क्योंकि उनका तो केवल मात्र यही उद्देश्य है, की यह सुगन्ध बसंत में पुरी तरह से मिल जाए, यह बूंद समुन्द्र में पुरी तरह से विलीन हो जाए... और यह बार-बार जन्म लेने की प्रक्रिया एक बारगी ही समाप्त हो जाए |

तुम बिन जीवन का मक्सद क्या............. तुम बिन हर लम्हा क्या....................
है प्रभु ! आपके बिना तो यह जीवन ही निरर्थक है, और इसलिए यह “नीलान्चल निखिल जन्मोहत्सव” हम सब शिष्यों को आवाज दे रही है, बुला रही है, प्राणों की झंकार का मधुर निमंत्रण भेज कर मस्ती में डूबने के लिए, आनन्द से सरोबार होने के लिए, अब यह तो हमारी न्यूनता है, की हम उस झंकार को सुनकर भी अनसुना कर दें |
यह तो इस पृथ्वी लोक के प्रत्येक प्राणी का असीम सौभाग्य है, जो कि परमपूज्य गुरुदेव ने सामान्य मानव के रूप में जन्म लेकर, इस माटी को अपने चरणों कि धूलि से धन्य-धन्य कर दिया, जिसके दर्शन मात्र के लिए उच्चकोटि के ऋषि, मुनि, योगी, संन्यासी भी तरसते रह जाते हैं | ऐसी दिव्य विभूति, जिनके आगे देवता भी नतमस्तक रहते हैं, जिन्हें देखने के लिए अप्सराएं भी लालायित रहती हैं |

उनकी सामीप्यता प्राप्त करना तो देवताओं के लिए भी दुर्लभ है, और यह पूज्य गुरुदेव का इस धारा पर जन्म नहीं, अपितु अवतरण ही हुआ है, जबकि उनके समस्त शिष्यों को उनकी उच्चता का, उनकी श्रेष्ठता का पुर्नाभास है, तो फिर उनके व्यक्तिव का बखान करना तो ऐसा ही है, जैसे – “सूरज को दीपक दिखाना |”

“नीलान्चल निखिल जन्मोहत्सव” ऐसा ही पावन पर्व है, जिसमें भाग ले समस्त साधक व शिष्य गुरुदेव कि आशीर्वाद वर्षा में आप्लावित हो सकते हैं, क्योंकि ऐसी वर्षा जो मन में, आत्मा में, हृदय के वीरान रेगिस्तान में ज्ञान रुपी बीज का अनुकरण कर दें, फिर यह तो एक अद्भुत घटना ही कही जा सकती है इस धारा पर |

जहाँ पूज्य गुरुदेव उपस्थित होते हैं, जहाँ वे अपने ज्ञान का उपदेश देते हुए एक पवित्रमय वातावरण का निर्माण करते हैं, जगन्नाथ पुरी स्थली देव लोक से कम नहीं है, तो क्यों न हम उस दिव्य क्षणोंउन का आनन्द लें और अपने जीवन की व्याधियों, बाधाओं को भुलाकर अपने-आप को मदमस्त कर दें, क्योंकि ये क्षण जो जगन्नाथ पुरी में गुरुदेव के अवतरण दिवस के अवसर पर हमें प्राप्त होने जा रहे हैं, ये क्षण हैं पूज्य गुरुदेव के साहचर्य को प्राप्त कर, उनके दर्शन कर अपने-आप को धन्य-धन्य करने के |

यह जन्मदिवस इस पृथ्वी पर नहीं, अपितु सिद्धाश्रम में भी संन्यासी शिष्यों द्वारा बड़ी धूमधाम से, पूरे जोश और उल्लास के साथ, नृत्यमय होकर मनाया जाता है, क्योंकि वे पूज्य गुरुदेव की उपस्थिति को अपने जीवन का परम सौभाग्य मानते हैं, जिनकी वजह से ही वे जीवन को सही ढंग से समझ सके, उन गूढ़ तत्वों का रहस्य ज्ञात कर सकें, जिनका ज्ञान गुरुदेव के सिवाय और किसी को नहीं, क्योंकि वेद, उपनिषद सभी तो उन्हीं से पूर्णता प्राप्त करते हैं |

उनके इस धारा पर अवतरण का यह स्वर्णिम दिवस, जो प्रत्येक वर्ष उत्सव के रूप में मनाया जाता है, उत्सव ही नहीं, अपितु महोत्सव है, वसन्तोत्सव है, जिसमें प्रवाहित सुगन्ध के प्रत्येक झोंके को अपनी श्वासों में रचा-पचा लेना है, जिससे की हमारे रोम-रोम में वह सुगन्ध पूर्णता के साथ समाहित हो पूरे शरीर को अनंदितर दे, बेसुध कर दे, तभी तो हम उस विरत स्वरुप के दर्शन कर सकने के योग्य बन सकेंगे |

और इस बार पूज्य गुरुदेव का जन्मदिवस “नीलान्चल निखिल जन्मोहत्सव” के रूप में मनाया जा रहा है, यह जयन्ती कस्तूरी एवं पुलक से भरा महोत्सव है, क्योंकि ये दिवस विशेष १९, २०, २१ अप्रैल २०१२ पूज्य गुरुदेव के आत्मसात महोत्सव के रूप में सम्पन्न हो रहा है |

अतः जब तक हम इस आनन्द का, इस महोत्सव का लाभ नहीं उठा पायेंगे, तब तक उनके ‘शिवमय स्वरुप’ के, ‘ब्रह्मय स्वरुप’ के दर्शन कर पाना भी असम्भव है | उनकी विराटता के दर्शन का सौभाग्य उन्हें अवश्य प्राप्त होगा, जो इन क्षणों को जीवन्तता के साथ जी सकेंगे |

पूज्य गुरुदेव की कृपा का कहीं कोई अंत ही नहीं है, वे तो हर बार, हर क्षण अपनी कृपा से हम सभी शिष्यों को फलीभूत करते ही रहते हैं, और इस बार तो गुरुदेव की असीम कृपा ही है, कि हम गृहस्थ शिष्यों के साथ-साथ उच्च कोटि के सन्यासी शिष्य भी वहाँ दृश्य और अदृश्य दोनों रूपों में उपस्थित होंगे | कितना अद्भुत दृश्य होगा, जब अपने पूर्ण स्वरुप के साथ सदगुरुदेव आसान पर विराजमान होंगे, और हम सभी को अपनी अमृत वाणी में कृतार्थ करेंगे |

यदि गृहस्थ जीवन में गुरुदेव कि उपस्थिति से हम लीक से हटकर कुछ अलग चलने कि, कुछ करने कि प्रेरणा न ले सके, तो धिक्कार है इन प्राणों को | कब तक उलझे रहेंगे हम अपने जीवन कि इन समस्याओं में, क्या हमारा जीवन सिर्फ भोजन-पानी में ही सिमट कर रह जायेगा ? यदि अब भी हम नहीं चेते तो संसार में और कोई व्यक्तित्व फिर अवतरित नहीं होगा, जो हमें झकझोर सके, हमारा मार्गदर्शन कर सके, हमें नव जीवन प्रदान कर सके, क्योंकि अवतरण कि क्रिया बार-बार नहीं होती | यह तो हमरे कई-कई जन्मों के पुण्योदय का फल है, कि पूज्य गुरुदेव बार-बार शिविरों के माध्यम से कई सुन्दर क्षण हमें प्रदान कर अपना सान्निध्य देने कि पूर्ण चेष्टा करते हैं, और फिर यह तो “जन्मोहत्सव” है |
शिष्य का यह पहला कर्तव्य होता है, कि वह गुरुदेव कि एक आवाज पर अपना सर्वस्व उनके चरणों में अर्पित कर दे, लेकिन न जाने हम शिष्यों ने अपने पिछले जन्मों ऐसा क्या किया था, कि गुरुदेव हमारे बंधन में ही बंध गए हैं, सर्वस्व अर्पण करना तो दूर, वह तो सिर्फ हमारी उपस्थिति मात्र से ही अहलादित हो जाते हैं, क्योंकि वास्तव में यदि देखा जाए, तो शिष्य ही गुरु के प्राण, धड़कन है |

शिष्यों के विकारों, उनके दोषों कि समाप्ति, जिस क्षण हो जाए और एक नए जीवन का उदय हो जाए तो वह क्षण, यह दिवस ही अपने-आप में वास्तविक रूप में “जन्मदिवस” कहलाता है, अतः इसे “ गुरु जन्मोहत्सव” न कहकर “ शिष्य भाग्योदय दिवस” कहा जाना ज्यादा श्रेयस्कर रहेगा |

कैसी विडम्बना है, कि हम शिष्यों को अपना उत्सव मनाने के लिए भी गुरुदेव के आवाहन कि आवश्यकता पड़ती है, अब तो समाप्त हो जाना चाहिए यह क्रम | अब तो आवश्यकता है, कि शिष्य हर क्षेत्र में खड़ा होकर पूज्य गुरुदेव का आवाहन करें, और उन्हें आमंत्रित करे | फिर भी गुरुदेव का वरहस्त हम सब शिष्यों के ऊपर है, जिसके कारन बार-बार वे हमें ऐसे सुन्दर-सुन्दर अवसर दे रहे हैं, जो कि हमारे जीवन कि अमूल्य धरोहर हैं |

हमें निश्चित रूप से ही इस पूंजी को सहेजना है, और भूल कर भी इस अवसर को नहीं गंवाना है, जो १९, २०, २१ अप्रैल को यात्रिका निवास, लाइट हाउस के पास, पुरी (ओडिशा) की पावन भूमि पर “नीलान्चल निखिल जन्मोहत्सव” के रूप में सम्पन्न होने जा रहा है | जहाँ सब कुछ भूल कर, नृत्यमय होते हुए, देह भाव से ऊपर उठ कर, प्राण तत्व में आना है, न कोई मोह हो, न कोई बंधन हो, न कोई व्यर्थ चिंतन हो, मात्र शिष्य रूप में पूर्ण मर्यादा के साथ इस दिवस को साकार कर लेना है |

वास्तव में हम धन्यभागी हैं, कि गुरुदेव हमारे बीच खड़े हमें पुकार रहे हैं, अपने बांहों में समेत लेने के लिए, हमारे कुविचारों और संचित किये गए पाप कर्मों को मृत्यु प्रदान कर, हमारे जीवन का नव-निर्माण करने के लिए | अब तो हमें गुरुदेव के आवाहन को, उनकी मर्यादाओं को रखना चाहिए, क्योंकि उनकी पुकार अपनों के लिए है, और वे अपने और कोई नहीं, हम शिष्य ही हैं |

हम शिष्यों के भाग्य पर देवी-देवताओं को भी रश्क होता है, कितना आत्मीय बना लिया है गुरुदेव ने हमें, इसी आत्मीयता को साकार करने के लिए एक बार पुनः उसी पुकार, उसी निमंत्रण को जीवंत करने के लिए हमारा प्रत्येक रोम एक ह्रदय बन जाये, और हर ह्रदय कि यही आकांक्षा हो |
 
 

Badrinath Pawan Puri Dham Yatra – 2, 3 and 4 June, 2012, Badrinath (Uttarakhand)

Sadguru Manjul Mahotsav
Saraswati originates from the Himalayan ranges and from here starts the journey of Kailash Mansarovar. In such a holy and serene plac...e, the Badrinath Dham is located. In the east of the holy land of India, the Jagannath Puri, in the west, the Dwarka Puri, in the south, the Rameshwaram and in the north, the Badrianth Dham is situated. The high peaks of ice covered Himalayan ranges, the serenity of the Himalayan valley which is a divine place for sadhanas have always attracted all the Devtas, Rishis and Sanyaasis. The divine and holy temple of Lord Badrinath is situated in the holy land of Shri Badrinath Dham. The idol of Lord Vishnu is made of Shaligram. From the ageis of Dwapar Yug, Treta Yug, Satyug and even Kaliyug, the Badrinath Dham has provided completeness and totality in sadhanas and siddhis. Here, the idols of Badrinarayan, Vishnu-Lakshmi are east facing. Here, Lord Narayan imparted mool mantra to Nand Rishi. Motivated by this incidence, Ved Vyas scripted 18 puranas over here. The prominent amongst these 18 puranas are Vishnu puran, Madbhagwat puran, Brahm puran, Markandey puran and Shiv puran. All these puranas were scripted by Ved Vyas in the Vyas Gufa at the origin of Saraswati.

According to the Aryan tradition and Hindu Dharma, after the death of a human being the pinda daan is usually performed in Gaya. But the pinda daan of our ancestors should be performed in Kapaal Kundala Sthal located at Bhagirathi and Saraswati. By performing pinda daan over here, the sould does not wander and attains moksha. In addition to this, the soul alongwith the body obtains a place in Siddhashram.

Only I have done the asthi visarjan of Sadgurudev Nikhilji after his departure from this worldly life in Kapaal Kundala Sthal in Badrinath. When I was imparting shaktipaat diksha to the sadhaks while standing in the Maa Bhagirathi Ganga in the Sanyaas Mahotsav at Haridwar, Sadgurudevji gave a divine message that Kailash I am giving you the responsibility of strengthening the pillars of my Siddhashram Parivar who are my sons and daughters connected to my soul at the origin of Bhagirathi, Alaknanda and Saraswati situated at the holy shrine of Badrinath. I am always ready to abide by the orders of Sadgurudevji and realize his dreams. The conceiver and organizer of this mahotsav is Sadgurudevji himself.

Hence, inspired by this and to realize Sadgurudev’s dream, the Sadguru Manjul Mahotsav is being organized in Badrinath.

Sadgurudev know that this type of selfless work for the upliftment of my sons and daughters connected to my soul cannot be done by anyone else because all of them are full of envy, ego, anger, lust, selfishness etc. They do not possess the true wisdom and knowledge of sadhanas and mantras. Hence, without the real knowledge, they cannot impart totality in the spiritual and materialistic life of his disciples and sadhaks. This is the reason why Sadgurudevji has only chosen me and entrusted me with this responsibility. Sadgurudevji know that for the past 20 years I am living with the sufferings and sorrows of my disciples and have completely changed the life of thousands of my disciples.

The dream of Sadgurudevji is that whosoever comes in the holy feet of gurudev, should become complete in all respects so that there remains no difference between a guru and a disciple. I am continuously performing this process.

This is not only a tour or visit. This yatra is a seed of success, a milestone. I am abiding to transfer the same divine energy and wisdom into all the sons and daughters of Sadgurudevji which was transferred to me by him. This dream and objective will be definitely realized. This is not a holi-deepawali or navratri festival that if we cannot celebrate it this year, we can celebrate it next year. This is a great great mahotsav which can make every moment of your life joyful. After this there will remain no need for the daily recitation of the lakshmi, durga, shiva, ganpati and others mantra.

In this mahotsav, Siddhashram Gaman Diksha, Pinda Daan Sadhana at Kapaal Kund, Ashtlakshmi Diksha and Akhand Saubhagyawati Diksha in the temple premises will be accomplished. Further, provision has been kept for the grah shanty yagya with the chanting of vedic mantras.

Arrangements have been made for the comfortable bus journey, stay, food and rest on 2nd, 3rd and 4th June, 2012. Comfortable buses have been arranged for taking the sadhaks from Haridwar to Badrinath.

For all these facilities, the expenditure on each sadhak comes more than Rs. 2350/- because all the materials have to be loaded and taken to Badrinath from Haridwar.

By depositing the stipulated amount beforehand, reservation for the bus journey and stay will be done. Full amount will be charged for children above the age of 5 years.

Please bring woolen clothes, medicines and other personal things of necessity with you. Further, please bring fewer luggages with you. You have to take care of your health and belongings yourself.
The journey will start from Haridwar on 1st June at 4.30 a.m. from Prem Nagar Ashram. All the buses will reach Badrinath at 5.00 p.m. in the evening. Again the buses will depart from Badrinath on 5th June at 8.00 a.m. and will reach Hardiwar at 6.00 p.m.

The cost of sadhana diksha, yagya will be extra. The amount can be deposited with:

Dehradun : Manoj Verma 09634278523, Saharanpur : Anil Gupta 09411296139, Bokaro : Bariyar 09006765118, Sambalpur : Bhupen 09861823300, Rajnagar : Chandra 09303127059, Raigarh : Gulab Modi 09039870422, Noorpur (H.P.) : Peetambar 09816912203, Siyalkhandta : Yadu 08895155348, Valsaad : Jaya 09974863338, Jammu : Manjul Raijada 09419213141, Lucknow : Rajveer 09838087024, Mumbai : Vrindavan Gupta 09819053360, Kalyan : Snehlata 09321473730, Kurukshetra : Gajanand Sharma 09466046068, Chandigarh : Rajinder 09463197978, Agra : Jaya 9411206768

Further, you can also contact Kailash Siddhashram (Delhi) : 011-27351006 or Gurudham (Jodhpur) : 0291-2517025
 
 

Monday, March 26, 2012

Baglamukhi Shakti Sadhana Shivir - Dhamtari

Date: 26, 27 March 2012

Venue: Demar Zila, Dhamtari (Chattisgarh) (at a distance of 6 km. from Dhamtari on the Bhakhara Road)

Organiser: Mandal Demar - Shri Inder Chand Chopra (ex-MLA Dhamtari) 9425285999, Vishnu Jain 9424275057, Bharat Matiyaar 9425261508, Teerath Phutaan - I.R. Nishad 9926547575, Sheetumar Sahu 9827488462, Ashok Meenpal, Tokesh Patel 8120578899, Pyaari Meenpal 9630202781, Mahender Sahu 9827877442, Rajkumar Sahu 9887764145, Chaman Sahu 9752901222, Rajinder Meenpal 9755639663, Raju Meenpal 9755281630, Gopal Puri Goswami 8889566855, Raghuveer Ramteke 8817176063, Bhagwat Chandravanshi, Jagdish Ram Ratre, Puran Sahu, Trilok Prasad Sharma, Gangadhar Patel, Premu Patel, Bharosa Patel, Manoj Chaure, Panch Ram Dhruch, Dinesh Sahu, Peelu Sahu 9630569418, Govind Meenpal, Lokendera Patel 9669741334, Hemlata Sahu 8827338409, Manju Meenpal, Rajeshwari, Amrita Patel, Dashmat Patel, Sudheshwari, Devaki Sahu 9977070283, Gopa Sahu, Anuruddh Kumbkaar, Shanti, Chitrarekha, Sonia, Ramotin, Duleshwar Sahu, Parevadeeh - Tejram Sahu 975587909, Yugal Kishore Sahu 9827970614, Teekaram Dhruv, Peeparcheddi - Nimesh Sahu 9753056355, Rikhi Ram Netaam 9179855127, Parsaddhi Sahu, Amrita Deshmukh, Tarsiva - Radheyshyam Dhruv 9893754629, Heera Sahu 9981286676, Ramji Vishwakarma, Dargahan - Mannu Sahu 9636837623, Reevagahan - Sohan Netaam 9926156751, Thaneshwar Sahu 9893113933, Gujara - Hemant Vishwakarma, Sanjay Tiwari 7697590452, Bhakhara - Lokesh Sahu 9907946724, Khuman Singh Som 9424238279, Bhatheli - Tomender, Bhushan Nishad 9907977204, Jitender Nishad, Nirmala Devi, Gram Supela - Chetan Devagan 9970541892, Anuruddh Devagan, Pendarvaani - Chetan Sahu 78988968177, Hemant Parakh Sahu, Kanwar - Daman Sahu, Gagoripaar - Sajjan Singh Nishaad 9179421614, Dadhari - Dumender 7898211306, Tilak Sahu, Dhaneli - Chanderhaas Sahu, Khartuli - Jitender Sahu, Parasatrai - Toran Sahu, Komal Sahu, Phagundhah - Bhopal Singh Chanddrakar 8120185556, Bhanpuri - Narayan Lal Tribhuvan, Chitaurd - Preetam Singh Rajak, Rajinder Sinha, Sangali - Madan Lal Sahu, Khordho - Hari Ram Sahu, Madaibhatha - Rajesh Nirmalkar, Arkaar - Takhat Jamade 9685217341, Bathena - Bisahu Sahu 9907158558, Manoj Sahu, Santoshi Sahu, Dhamtari - Kanwar Ji, N.C. Nirala, Saleek Ram Gajpal, Shail Chabbra, Rajkamal Sharma, Choti Kareli - Lokeshwar Hirwani 8085557262, Semara - Kanhaiya Ram Sahu 9595904871, Virender Singh, Ravan - Yashwant Sinha, Doma - Ghanshyam Sahu, Gagra - Lokeshwar Maharaj, Pawan Sahu, Magarlod - Toran Lal Sinha, Dushyant Patel, Keregaon - Tilak Soni, Nagari - Amrit Sahu, Dhamender Soni, Dameshwar Patel, Ishwar Patel, Piyush Kashyap, Omeshwar Rao, Ramesh Das, Bharat Nirmalkar, Chandu patel, Belargaon - Radheyshyam Devangan, Narottam Sahu, Heeralal Devangan, Mohan Singh Kurur, Rajpur - Narender Kumar, Raipur - Omkar Singh 9200201111, Suresh Sahu 9752061509, Vicky Chaturvedi 9039777779, Hunda - Vishal Ram Sahu, Sejbahar - Govardhan Yadav 9754956913, Gurur - T.R. Sahu (Teacher) 7869438427, Dupchera - Homchand, Santosh, Bicchibahara - Basant Sahu, Gariyaband - Rameshwar Sahu, Mahesh Kuthare, Figeshwar - Sushri Bharati Dhruv 9425525784, Rajim - Mahesh Sahu 9009089688


Friday, March 23, 2012

Das Mahavidya Navratri Shakti Mahotsav - Delhi

Dates: 23, 24, 25 March

Address: Kailash Siddhashram
                46, Kapil Vihar,
                 Pitampura,
                 New Delhi - 110034

Phone:    011-27351006



Dikshas to be imparted by Revered Kailash Gurudev on 23, 24 and 25 March, 2012 at Kailash Siddhashram, 46, Kapil Vihar, Near Kohat Metro Station, Pitampura, New Delhi - 110034

1. Sheeghra Karya Siddhi Diksha
        
    Inspite of depending upon divine help, the sadhak should believe in his own efforts. God / Goddess also doesn't like to help persons who depend only on their luck. But sometimes in situations when despite of sincere efforts, the sadhak is not able to achieve his target, what should a sadhak do?

    If you are targeting on a certain goal and are not able to materialize it , then it may be due to a number of reasons - lack of sadhana, lack of self confidence, competition, sins of previous or current birth etc, But all these obstacles vanish by taking Sheeghra Karya Siddhi Diksha by Revered Gurudev and the most cherished wish or desire of the sadhak gets materialized, if the sadhak takes diksha with full devotion and belief.

2. Bhuvaneshwari Diksha

    Bhuvaneshwari is the controller of this bhuvan i.e. this world. Her beej mantra is "Hreem". She is the adhishthatri devi of Lord Brama also. She is one of the most powerful mahavidya. She is the controller of both wisdom and shakti. The Agya Chakra of the  sadhak who realizes Maa Bhuvaneshwari gets awakened. Maa Bhuvaneshwari provides all materialistic comforts and happiness. Bhuvaneshwari Sadhana is an important sadhana for eradicating poverty and for accomplishing Kuber Sadhana. Saraswati resides on the tongue of those sadhaks who have taken Maa Bhuvaneshwari Diksha and worship Maa Bhuvaneshwari. If a sadhak after obtained Bhuvaneshawri Diksha from Revered Gurudev performs Bhuvaneshwari Sadhana, then the sadhak is benefited in all the four yams of life.


Siddhi Datri Nav Shakti Diksha (Vikram Samvat 2069)

Wednesday, March 14, 2012

Shaktipaat Yukt Navshakti Dikshas - March 2012

Note : Shaktipaat Yukt Navshakti Dikshas and Mahalakshmi, Mahakaali & Mahasaraswati Dikshas will be provided free to the members who will make five members of Pracheen Mantra Yantra Vigyan  Monthly Magazine. You have to send the names along with their addresses in hindi or english in the given format and send it to Jodhpur Address. Alongwith the letter / format send either a demand draft or money order in the name of "Pracheen Mantra Yantra Vigyan" of Rupees 1500/-. (Rupees Fifteen Hundred Only).

Friday, March 9, 2012

Meeting Dates of Revered Gurudev in Jodhpur

Dates: 09, 10, 11 March

Address: Pracheen Mantra Yantra Vigyan
                1-C, Panchavati Colony,
                 In Front of N.C.C. Ground,
                 Ratananda, Jodhpur - 342011 (Rajasthan)

Phone:    0291-2517025

Tuesday, March 6, 2012

Shiv Shakti Holika Mahotsav - Anuppur

Date: 6,7 March 2012

Venue: Rajnagar, Kalri Zila Anuppur (Madhya Pradesh)

Organiser: K.K. Chandra 9303127059, A.N. Yadav 930317266, N.P. Singh 9977207431, Ravishankar Tiwari 9425898233, Nakul Tiwari 9301287364, Satyanarayan Yadav 9301882436, Ramkumar Devangan 9300275805, Shankar Kashyap, Ramgais Chauhan 7828740949, A.K. Trivedi 9300648863, M.L. Chaure 9425534021, Ramkripal Singh 9329896693, Vallabh Baheti Sunil Khare 9407836333, Khongapani: Manglu Dheervar 9405132040, Ramnurat Singh 9425585936, Manendragarh: D.R. Lather 9424187625, Anil Singh 9826757873, Manjeet Singh 9300531564, Arvind Shrivastav Ganga Yadav, Jamuna: Avdhesh Khare 9893823191, Ramraj Bind 8982257344, H.D. Mogre, Kotma: Sanjeev Kumar Sharma 9893947754, Naresh Sharma 98933798444, Bijuri: Malay Shaha 9329453491, Maneesh Goinka 9424252777, AShok Varma 9803136183, Ramsingh 94070006840, J.N. Singh 9424252717, Painda Road: S.D. Naamdev 9424159331, Shankar Mudliyaar 9407676128, Budhaar: Anurag Diwedi 9826612023, Anuppur: Vijay Patel, Sobha Singh, Paali: Ashok Tiwari 9425839743, Vinod Patel 9893268472, Pushpendera Singh 9755488366, Arjun Patel 9300835720, Chirmiri: Shyam Sundar Badetiya 942425568, Ganesh Tiwari 9926169170, Sagar Arvind Soni 9329325057, Reeva: Shivendera Singh 9827293100, Sanjay Sharma 9755428776, Bela: Rajbahadur Singh 9754730627, Panna: Dr. Amrit Raje 9713655014, Rajesh Khare 9993265313, Mandla / Dindori: Dinesh Thakumar 9424687325, B.P. Hardaha, Dr. V.K. Goldar 9827050626, Anil Singh Ukye 9617969127, B.K. Jharia, Chandrashekar Dhurve 9424340354, Raipur: Omkar Singh 8959940111, Vishnu Jain 9424275057, Vicky Chaturvedi, Bundram Patel 9424183423, Mukesh Mittal 9425251078, R.K. Soni 9329616806, Yogendera Shrivastava 9993755576

Sunday, March 4, 2012

Bhagya Lakshmi Sadhana Shivir - Mumbai

Date: 4th March, 2012

Venue: Brahman Sewa Mandal, Bhawani Shankar Road, Near Kabutar Khana, Dadar (West), Mumbai, Maharashtra (At a distance of approximately 5 minutes from Dadar Station)

Organiser: Vridavan Gupta 09819053360, Vandana Behan 773861333, R.S. Rathore 9224903539, Ravi Salve 9224415429, Santosh Ambedkar 9321339369, Neelam Behan 9930664579, Prarabdha Manjrekar 9819178778, Sushila Behan 9029039332, Sudhir Sethiya, Sunil Salve 9870629223, Ratanaakar 8938657425, Chandrakant Mishra 9989660729, Naagsen Panwar 986721153, Jaiprakash Pal 9769827255, Bunty 98290568805, Natu Bhai 9320090040, Tulsi Mehto 9967163865, Hansraj 9769026451, Baapu Kamble 9619605053, Sailesh Joshi 9323775717, Suni Singh 9987550857, Buddhirama Pod 9819000414, Vasant Puriya 9869703251

Saturday, March 3, 2012

Bhagyodaya Lakshmi Sadhana Shivir - Mumbai

Date: 3 March, 2012

Venue: B-401, Dev Darshan, Adeshwar Park, Near Fortis / Wakhard Hospital, Kalyan Sheel Road, Kalyan (West), Mumbai, (at a distance of approximately 10 minutes from Kalyan Station)

Organiser: Snehalata Behan 09321473730, Dinesh 9323139860, Anil Kumbhare 9819927898, Dr. Ravinder 9833514917, Tara 8767661887, Dr. Pathak 9423369984, Yogita Behan 9326116161, Abha Behan 7498426479, Vijesh 9764641638, Vilaas Patil 9967913877, Kajal Jagyaasi 9324535295, Roshan 9987560823, Vipul 9673211595, Amesh Lotleekar 9029768706, Vinod Nihalani 9326032196, Bharat Bhoiar 9220710958, Dilip Ahuja 9004608536, Rajinder Binwaani 9272733722, R.P. Mourya 9768277425, Uttam 9869517721, R.K. Sharma 9029771920, Sarvesh Nikhaare 9967915995, Parveend Pathak 9720178460, Ravi Patil 9029768153, B.K. Pandey 9320880871, Rachna Srivastava 9022914653