दिल्ली व जोधपुर में (In Delhi and Jodhpur)
४ जुलाई २०१२ से २ अगस्त २०१२ (From 4 July 2012 to 2 August 2012)
श्रावण मास के पुण्य पर्व में शिव आराधना की गूंज से सारा वातावरण शिवमय हो जाता है | धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भक्तिमय ओर सुन्दर आच्छादित प्राकृतिक माहौल में भक्त के साथ-साथ उससे जुड़े परिजनों ओर आस पास के वातावरणों पर भी शुभ्र प्रभाव डालता है | श्रावण मास का तात्पर्य ही भगवान शिव और गौरी के आशीर्वाद की वर्षा से भक्त को सरोबार करने का दिव्यतम मास है| श्रावण मास में प्रातः व रात्रि के आठों प्रहर शिव शक्ति व शिवगणों तथा भगवान विघ्नविनाशक गणपति, ऋद्धि-सिद्धि, शुभ-लाभ, कार्तिकेय की उपासना अर्चना व दर्शन के लिए यह मास पुण्य फलों से भरपूर रहता है क्योंकि पार्वती की तपस्या का फल शिव को सौभाग्य के रूप में शास्त्रोक्त रीती से विवाह होने पर प्राप्त हुआ |
शिव-शक्ति एक दूसरे के पूरक हैं अतः शिवलिंग के पूजन-अर्चन का इस मास का विशेष महत्व है | शिवपुराणादि में कई प्रकार के शिवलिंगों का विवरण है इनमें जो शिवलिंग, जो पूजा-अर्चना के लिए विद्वानों द्वारा श्रेष्ठ माना गया है, वह है स्फटिक मणि शिवलिंग अथवा नर्मदेश्वर शिवलिंग | यह भी मान्यता है कि शालिग्राम शिला व शिवलिंग के ऊपर किसी भी देव तत्व का निरूपण या प्रतिष्ठा को मानकर यदि पूजन-अर्चन या अभिषेक आदि करें, तो वह देवता उसे स्वीकार कर लेते हैं |
शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले द्रव्यों में तीर्थ जल, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, गन्ने का रस, इत्र, फलों का रस, नारियल पानी, गंधोदक जल आदि शामिल है | पूजन के दौरान शिवलिंग पर धारापूर्वक जल अर्पित करना पुण्य कारक माना जाता है | यह जल तीर्थ स्थान या पवित्र नदियों का हो, तो और भी उत्तम होता है | शिव के श्रृंगार के लिए भस्म, पुष्प, चन्दन, धूप, नैवेद्य में भांग व धतुरा, फल में नारियल या ऋतु प्रधान फल, अन्न के गेहूं की बाली या तिल-जव का इस्तेमाल किया जाना चाहिए | सिंदूर सौभाग्य का प्रतीक है, इसलिए जलहरी में शक्ति प्रधान द्रव्य जैसे श्रृंगार सामग्री वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, रोली का सिंदूर आदि अप्रित कर सकते हैं | शिव उपासना कलिकाल में विशिष्ट मानी जाति है, क्योंकि शिव के अधीनस्थ शिवगण जैसे गणेश, भैरव, कार्तिकेय, सर्प, कुबेर, नंदी, भृंगी, व श्रृंगी आदि हैं | कहते हैं शिव पूजन से यह सभी गन प्रसन्न होकर कृपा प्रदान करते हैं | इसलिए शिवार्चन के पूर्व अलग-अलग दिशाओं में सभी शिवगणों का पूजन आव्हान किया जाता है |
शास्त्रानुसार शिवलिंग प्रतीकात्मक है, जो शिव को शक्ति तथा शक्ति को शिवतत्व के अधीनस्थ होने का दर्शन प्रस्तुत करता है | शक्ति को जलहरी तथा लिंग को शिव रूप माना जाता है | इसलिए शिवलिंग परिक्रमा आधी ही की जाती है |
४ जुलाई से २ अगस्त के बीच पूरे श्रावण मास में जोधपुर कैलाश सिद्धाश्रम और दिल्ली में पूर्ण दिव्यत्म, चेतना युक्त पारदेश्वर शिवलिंग पर प्रतिदिन श्रेष्ठ मुहूर्त में रुद्राभिषेक सम्पन्न किया जायेगा |
योग्य और प्रकाण्ड विद्वान पण्डितों और गुरु के सान्निध्य में ही पूर्ण विधि विधान से रुद्राभिषेक सम्पन्न करना ही श्रेष्ठ माना गया है | इस तरह की पूजा अर्चना से भक्त का जीवन ऐश्वर्य, धर्म, यश, लक्ष्मी, ज्ञान और वैराग्य की चेतना से अभिभूत होता है |पारद शिवलिंग को समस्त ज्योतिर्लिंगों से भी श्रेष्ठ माना गया है | इसका पूजन सर्व कामप्रद शिव स्वरुप मोक्षप्रद और शिवस्वरूप बनाने वाला है | यह समस्त पापों का नाश करने, भक्त को संसार के सम्पूर्ण सुख और पूर्णता प्रदान करता है |
जो भी साधक या परिवार के सदस्य श्रावण मास के रुद्राभिषेक की चेतना को पूर्ण आत्मसात करना चाहते हैं, वे अपना फोटो और अपनी समस्याएं लिख कर भेजें | उन साधकों के लिए विशेष रूप से शिव तत्व युक्त महामृतुन्जय रुद्राभिषेक सम्पन्न किया जायेगा, जिससे कि साधक असत् से सत् की ओर, तमस से प्रकाश की ओर, मृत्यु से अमृत्यु की ओर अग्रसर हो सके, वह अपने जीवन में धर्म, अर्थ, काम, एश्वर्य, यश, लक्ष्मी और ज्ञान की पूर्णता को पूर्ण रूप से प्राप्त कर सके, साथ ही रुद्राभिषेक के बाद शक्तिपात दीक्षा फोटो पर प्रदान की जायेगी |
रुद्राभिषेक और दीक्षा न्यौछावर : १५००/- (1500/-)
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें-
(१) गुरुधाम , 1-C ,पंचवटी कालोनी ,रातानाडा ,जोधपुर,पिन-342001,राजस्थान
फ़ोन - 0291-2517025
(२) कैलश सिद्धाश्रम , 46 ,कपिल विहार ,कोहट मेट्रो स्टेशन के पास , पीतमपुरा
दिल्ली, पिन - 110034
फ़ोन – 011-27351006
For more information contact :
Pracheen Mantra Yantra Vigyan
1-C, Panchvati Colony, Ratanada, Jodhpur (Rajasthan)
Contact Number: 0291-2517025
Mob: 07568939648
Fax: 0291-2517028
Kailash Siddhashram
46, Kapil Vihar (Near Kohat Metro Station),
Pitampura, New Delhi-110034
Contact Number: 011-27351006
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