Date: 28, 29, 30 May 2012
Venue: Kailash Siddhashram
46, Kapil Vihar,
Pitampura, New Delhi
Telephone:011-27351006
सौभाग्य सावित्री दीक्षा
साधक का अर्थ ही यही है, कि
उसके जीवन में पराजय जैसा कोई शब्द ही नहीं हो | पूर्ण रूप से अपराजित व्यक्ति वही
कहा जा सकता है, जिसकी यदि हार हो तो वह गुरु के सामने हो और कहीं नहीं हो | और
सावित्री और सत्यवान को यही वरदान प्राप्त था, कि ऊनकी पराजय हो ही नहीं सकती,
उन्हें मारने वाला न तो कोई नर हो, न किन्नर, न गंधर्व, न राक्षस, न देवता | यमराज
को भी पराजय का मुह देखना पड़ा | यही जीवन का सौभाग्य है | परन्तु आजीवन वह पूर्ण
सम्मान के साथ जिया, हार संकल्प में विजयी हुआ, जो भी चाहा वह किया, हार जगह सफलता
प्राप्त की | ऐसा हे हो सके, कि साधक को अपने प्रत्येक कार्य में सफलता मिले, विजय
मिले चाहे वह शत्रु हो, चाहे वह कोई मुकदमा हो, चाहे वह कोई प्रतियोगी परीक्षा हो,
चाहे वह कोई व्यापारिक अनुबंध हो, कोई लक्ष्य या संकल्प हो, सफलता मिले ही, विजय
मिले ही | इसी का नाम है सौभाग्य सावित्री दीक्षा |
देव तत्व जागरण दीक्षा
मन्त्र-तंत्र और यंत्रों के
इस विशाल समुंद्र में अवगाहन करने का प्रयोजन सिद्धि होता है | यह सिद्धि किसी को
शीघ्र तथा किसी को बहुत अधिक प्रयास के बाद मिल पाती है, और जिनको बहुत प्रयास के
बाद भी नहीं मिलती वे साधनाओं को भ्रमजाल ही मान लेते हैं | परन्तु यह सत्य नहीं
है, यदि किसी को मंजिल नहीं मिली तो इसका यह अर्थ नहीं है कि मंजिल है ही नहीं |
हाँ यह अवश्य सत्य है कि मंजिल तक का रास्ता लंबा था और वहां तक पहुंचते-पहुँचते
व्यक्ति निराश हो गया दैवीय कृपा अथवा ह्रदय भाव में देवत्व जागरण नहीं होने के
कारण ऐसी स्थितियाँ आती हिनहिन | जो रास्ता मंजिल तक जाता हो, वह किसी कारण देव
कृपा से बंद पड़ा हो | मनुष्य के मस्तिष्क तंतुओं में स्वंय के ही विकारों के फलतः
कई ऐसी ग्रंथियां पड़ जाती हैं, जो साधनाओं में सिद्धि मार्ग को अवरुद्ध कर देती
हैं | इस दीक्षा द्वारा देव तत्व कि चेतना रोम-रोम आप्लावित होती है | और साधक को
शीघ्र ही सफलता अनुभूत होने लगती है |
Venue: Kailash Siddhashram
46, Kapil Vihar,
Pitampura, New Delhi
Telephone:011-27351006
प्रत्येक साधना
नि:शुल्क
कैलाश सिद्धाश्रम
सदगुरुदेव सच्चिदानन्द महाराज, प्रभु निखिलेश्वरानन्दजी के आशीर्वाद से
गुरुदेव कैलाश श्रीमाली जी आश्रम कैलाश
सिद्धाश्रम में प्रत्येक साधक शिष्य को निम्नाकिंत साधना प्रयोग निशुल्क सम्पन्न
करायेंगे |
समस्त साधकों एवं
शिष्यों के लिए यह योजना कार्तिक मास से प्रारम्भ कि गई है, इसके अंतर्गत विशेष दिवसों पर दिल्ली एवं जोधपुर में पूज्य
गुरुदेव के निर्देशन में यह साधनाएं पूर्ण विधि-विधान से सम्पन्न होती हैं |
यदि श्रधा व विश्वास हो, तो उसी दिन से साधनाओं में सिद्धि का अनुभव भी होने लगता है
|
0 comments:
Post a Comment